कमर का दर्द महिलाओं को क्यों होता है। Why do women get groin pain.

महिलाओं में कमर का दर्द (जो कमर के नीचे के हिस्से में, जांघों के पास होता है) काई करणों से हो सकता है। कुछ आम कारण जो इस दर्द का कारण बन सकते हैं, उनमें शामिल हैं:

1. पीरियड्स (महावरी) के दौरन दर्द : महिलाओ को महावारी के दौरन पेठ और कमर में दर्द हो सकता है। ये दर्द पीरियड्स के दौरान गर्भाशय के साथ होने वाले संकुचन की वजह से होता है।

2. गर्भावस्था : गर्भावस्था (गर्भावस्था) के दौरान भी कमर में दर्द हो सकता है। जैसा-जैसा बच्चा बड़ा होता है, गर्भाशय पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जो कमर और पेल्विक एरिया में दर्द होता है या असुविधा का कारण बन सकता है।

3. पेल्विक सूजन रोग (पीआईडी) : ये एक संक्रमण है जो गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय को प्रभावित करता है। इससे पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है, जो कमर तक भी दर्द हो सकता है।

4. डिम्बग्रंथि अल्सर : अंडाशय में सिस्ट होने से भी ग्रोइन या पेल्विक एरिया में दर्द हो सकता है। ये सिस्ट जब साइज में बढ़ते हैं या फिर फट जाते हैं, तो दर्द का अनुभव होता है।

5. हर्निया : वंक्षण हर्निया  एक और कारण हो सकता है जिसके कारण कमर में दर्द होता है। इसमे आंतों का कुछ हिस्सा ग्रोइन एरिया में निकल आता है, जो दर्द और परेशानी का कारण बन सकता है।

6. मांसपेशियों में खिंचाव (पहलु के मांसपेशियों का खिंचाव) : कभी-कभी कमर में दर्द उस जगह की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से भी हो सकता है, खास कर अगर किसी ने शारीरिक गतिविधि की हो, जैसे कि दौड़ना, व्यायाम करना, या गहन शारीरिक काम करना।

7. मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) : अगर किसी को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो, तो ग्रोइन एरिया में भी दर्द हो सकता है। इसके अलावा, जलन और बार-बार पेशाब का आना भी यूटीआई के लक्षण होते हैं।

8. एंडोमेट्रियोसिस : ये एक चिकित्सीय स्थिति है जिसके गर्भाशय के अंदर का ऊतक अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब के आस-पास भी बढ़ने लगता है। ये स्थिति भी पेल्विक एरिया और ग्रोइन में दर्द का कारण बन सकती है।

9. मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं : अगर किसी को पेल्विस या पीठ के निचले हिस्से में कोई समस्या हो, तो ये भी कमर में दर्द का कारण बन सकता है। ग़लत संरेखण या चोट भी दर्द का कारण हो सकती है।

10. फाइब्रॉएड : गर्भाशय के अंदर फाइब्रॉएड (गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर) होने पर भी ग्रोइन एरिया में दर्द हो सकता है। ये फाइब्रॉएड गर्भाशय को दबाव डाल कर दर्द का कारण बनता है।

अगर ये दर्द लगता है या बहुत ज्यादा तीव्र है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है, ताकि वो उचित निदान और उपचार दे सकें।


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