बच्चों के मुँह पर जो मुँहासों के निशान (मुँहासे या मुँहासे के निशान) होते हैं, उन्हें हटाने के लिए कुछ घरेलू उपाय किये जा सकते हैं। लेकिन सबसे पहले ये ध्यान रखें कि बच्चों की संवेदनशील त्वचा होती है, इसलिए कोई भी उपाय करने से पहले पैच टेस्ट करना जरूरी है। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं:
1. एलोवेरा जेल : एलोवेरा के जेल में उपचार गुण होते हैं जो त्वचा को सुखदायक और पोषित रखते हैं। एलोवेरा जेल को सीधे मुंह के निशानों पर लगा कर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें। इस त्वचा को राहत मिलती है और निशान धीरे-धीरे हल्का हो सकते हैं।
2. नीम पत्ते का पेस्ट : नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासे और पिंपल्स को कम करने में मदद करते हैं। नीम के कुछ पत्तों को पिचिस कर पेस्ट बना लें और इसे बच्चे के मुंह पर लगा दें। कुछ देर बाद ठंडे पानी से चेहरा धोये। ये उपाय मुँहासों को नियंत्रित करने के लिए अच्छा है।
3. मुल्तानी मिट्टी (फुलर्स अर्थ) : मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक मुंहासों के निशानों को कम करने में मदद करता है। इस चेहरे की गर्मी भी कम होती है और त्वचा ताज़ा रहती है। मुल्तानी मिट्टी को थोड़े पानी में मिला कर पेस्ट बना लें और इसे 10-15 मिनट के लिए मुंह पर लगा कर सूखने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धोये।
4. शहद और नींबू : शहद और नींबू का मिश्रण भी मुंहासों के निशानों पर काम करने में मददगार हो सकता है। शहद में मॉइस्चराइजिंग और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, और नींबू में विटामिन सी होता है जो त्वचा के निशानों को हल्का करने में मदद करता है। एक छोटी सी मात्रा में शहद और नींबू को मिला कर मुंहासों के निशानों पर लगा सकते हैं। थोड़ी देर बाद इसे धोयें।
5. ककड़ी (खीरा) : खीर के स्लाइस या जूस से त्वचा को ठंडक मिलती है। ये मुँहासों के निशानों को धीरे-धीरे काम करने में मदद करता है। खीरा को थोड़ा पीस कर जूस बना लें और उसकी त्वचा पर लगा कर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें।
6. हल्दी : हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मुंहासों के निशानों को कम करने में मदद करते हैं। थोड़ा सा हल्दी, पानी और शहद मिला कर पेस्ट बना लें और मुंहासों के निशान पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें।
7. विटामिन ई तेल : विटामिन ई तेल त्वचा पुनर्जनन के लिए अच्छा होता है। आप इस तेल को मुँहासों के निशानों पर लगा सकते हैं, लेकिन ये थोड़ा हैवी हो सकता है, इसलिए थोड़ी सी मात्रा में इस्तेमाल करें।
8. आहार और जलयोजन : अगर बच्चा ज्यादा तैलीय भोजन, जंक फूड खाता है, तो त्वचा पर पिंपल्स और मुंहासे बढ़ सकते हैं। उन्हें ताजे फल, सब्जियां और पानी का सेवन बढ़ाने के लिए कहना जरूरी है। ये उनकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमक देने में मदद करेगा।
9. सनस्क्रीन का प्रयोग : अगर बच्चे के मुंह पर मुंहासे या पिंपल के निशान हैं, तो उन्हें सीधे धूप से बचाना भी जरूरी है। सनस्क्रीन का इस्तमाल करना मार्क्स को और ज्यादा डार्क होने से रोक सकता है।
महत्वपूर्ण नोट : अगर मुंहासों के निशान ज्यादा जिद्दी हैं या त्वचा पर जलन हो रही है, तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर रहेगा। उनसे उचित इलाज और क्रीम के बारे में सलाह ली जा सकती है।
ये घरेलू उपाय आम तौर पर सुरक्षित होते हैं, लेकिन अगर कोई एलर्जिक रिएक्शन हो तो तुरंत बंद का इस्तेमाल करना चाहिए।
1. एलोवेरा जेल : एलोवेरा के जेल में उपचार गुण होते हैं जो त्वचा को सुखदायक और पोषित रखते हैं। एलोवेरा जेल को सीधे मुंह के निशानों पर लगा कर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर ठंडे पानी से चेहरे को धो लें। इस त्वचा को राहत मिलती है और निशान धीरे-धीरे हल्का हो सकते हैं।
2. नीम पत्ते का पेस्ट : नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंहासे और पिंपल्स को कम करने में मदद करते हैं। नीम के कुछ पत्तों को पिचिस कर पेस्ट बना लें और इसे बच्चे के मुंह पर लगा दें। कुछ देर बाद ठंडे पानी से चेहरा धोये। ये उपाय मुँहासों को नियंत्रित करने के लिए अच्छा है।
3. मुल्तानी मिट्टी (फुलर्स अर्थ) : मुल्तानी मिट्टी का फेस पैक मुंहासों के निशानों को कम करने में मदद करता है। इस चेहरे की गर्मी भी कम होती है और त्वचा ताज़ा रहती है। मुल्तानी मिट्टी को थोड़े पानी में मिला कर पेस्ट बना लें और इसे 10-15 मिनट के लिए मुंह पर लगा कर सूखने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धोये।
4. शहद और नींबू : शहद और नींबू का मिश्रण भी मुंहासों के निशानों पर काम करने में मददगार हो सकता है। शहद में मॉइस्चराइजिंग और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, और नींबू में विटामिन सी होता है जो त्वचा के निशानों को हल्का करने में मदद करता है। एक छोटी सी मात्रा में शहद और नींबू को मिला कर मुंहासों के निशानों पर लगा सकते हैं। थोड़ी देर बाद इसे धोयें।
5. ककड़ी (खीरा) : खीर के स्लाइस या जूस से त्वचा को ठंडक मिलती है। ये मुँहासों के निशानों को धीरे-धीरे काम करने में मदद करता है। खीरा को थोड़ा पीस कर जूस बना लें और उसकी त्वचा पर लगा कर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें।
6. हल्दी : हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मुंहासों के निशानों को कम करने में मदद करते हैं। थोड़ा सा हल्दी, पानी और शहद मिला कर पेस्ट बना लें और मुंहासों के निशान पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दें।
7. विटामिन ई तेल : विटामिन ई तेल त्वचा पुनर्जनन के लिए अच्छा होता है। आप इस तेल को मुँहासों के निशानों पर लगा सकते हैं, लेकिन ये थोड़ा हैवी हो सकता है, इसलिए थोड़ी सी मात्रा में इस्तेमाल करें।
8. आहार और जलयोजन : अगर बच्चा ज्यादा तैलीय भोजन, जंक फूड खाता है, तो त्वचा पर पिंपल्स और मुंहासे बढ़ सकते हैं। उन्हें ताजे फल, सब्जियां और पानी का सेवन बढ़ाने के लिए कहना जरूरी है। ये उनकी त्वचा को प्राकृतिक रूप से चमक देने में मदद करेगा।
9. सनस्क्रीन का प्रयोग : अगर बच्चे के मुंह पर मुंहासे या पिंपल के निशान हैं, तो उन्हें सीधे धूप से बचाना भी जरूरी है। सनस्क्रीन का इस्तमाल करना मार्क्स को और ज्यादा डार्क होने से रोक सकता है।
महत्वपूर्ण नोट : अगर मुंहासों के निशान ज्यादा जिद्दी हैं या त्वचा पर जलन हो रही है, तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहतर रहेगा। उनसे उचित इलाज और क्रीम के बारे में सलाह ली जा सकती है।
ये घरेलू उपाय आम तौर पर सुरक्षित होते हैं, लेकिन अगर कोई एलर्जिक रिएक्शन हो तो तुरंत बंद का इस्तेमाल करना चाहिए।
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