1. अंधेरे धब्बे (Acanthosis Nigricans): डायबिटीज के कारण त्वचा पर काले या गहरे धब्बे दिखाई दे सकते हैं, खासकर गर्दन, बगल, और जोड़ों के पास। यह स्थिति तब होती है जब रक्त शर्करा उच्च रहती है और शरीर में इंसुलिन का स्तर अनियंत्रित होता है।
2. सुखी त्वचा (Dry Skin): डायबिटीज के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे त्वचा सूखी और मुरझाई हुई महसूस हो सकती है। सूखी त्वचा को ठीक से हाइड्रेट न करने पर यह रंग में फीकापन भी ला सकती है।
3. त्वचा पर संक्रमण (Skin Infections): उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। त्वचा पर संक्रमण होने से वहां का रंग बदल सकता है, जैसे कि लाल या पीला पड़ जाना।
4. पीलापन (Jaundice): यदि डायबिटीज के कारण लीवर पर प्रभाव पड़ता है, तो त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ सकता है, जिसे "जॉन्डिस" कहा जाता है। यह पीलापन त्वचा के रंग को प्रभावित करता है।
5. ब्लड शुगर नियंत्रण में न रहने से त्वचा में बदलाव: जब रक्त शर्करा का स्तर लंबे समय तक नियंत्रित नहीं रहता है, तो यह त्वचा की समग्र स्थिति और रंग को प्रभावित कर सकता है, जिससे त्वचा का रंग फिका, मुरझाया और अस्वस्थ लगने लगता है।
इन सभी प्रभावों से बचने के लिए, यह बहुत जरूरी है कि डायबिटीज का सही तरीके से उपचार किया जाए, रक्त शर्करा को नियंत्रित रखा जाए, और त्वचा का सही तरीके से ध्यान रखा जाए, जैसे कि हाइड्रेशन, मॉइश्चराइजिंग और नियमित डॉक्टर से चेकअप कराना।