पूरा नाम : धर्मेन्द्र सिंह देओल
जन्म : 8 दिसंबर 1935
जन्म स्थान : नसराली, पंजाब (अब पंजाब, भारत में)
पिता का नाम : केवल किशन सिंह देओल
माता का नाम : सतवंत कौर
पत्नी : प्रकाश कौर (पहली पत्नी), हेमा मालिनी (दूसरी पत्नी)
बच्चे : सनी देओल, बॉबी देओल, विजेता देओल, अजीता देओल (प्रकाश कौर से) और ईशा देओल, अहाना देओल (हेमा मालिनी से)
पेशा : अभिनेता, निर्माता, राजनेता
सक्रिय वर्ष : 1960–अब तक
प्रारंभिक जीवन : धर्मेन्द्र का जन्म एक जाट सिख परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फगवाड़ा के एक सरकारी स्कूल से प्राप्त की। युवावस्था में ही उन्हें फिल्मों का शौक हो गया था। वे दिमागी तौर पर हमेशा सिनेमा से जुड़े रहना चाहते थे।
फिल्मी करियर : धर्मेन्द्र ने अपने करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म "दिल भी तेरा हम भी तेरे" से की। शुरुआत में उन्हें रोमांटिक हीरो के रूप में प्रस्तुत किया गया, लेकिन जल्द ही उन्होंने एक्शन हीरो की छवि बना ली। 1970 के दशक में वे हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और सफल अभिनेताओं में से एक बन गए।
उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्में :
1. शोले (1975) – वीरू के किरदार में
2. चुपके चुपके (1975)
3. सत्यकाम (1969)
4. प्रतिज्ञा (1975)
5. धर्म वीर (1977)
6. यादों की बारात (1973)
उनकी जोड़ी हेमा मालिनी के साथ काफी हिट रही और दोनों ने कई सुपरहिट फिल्में कीं।
राजनीति : धर्मेन्द्र ने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से राजनीति में कदम रखा और राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा सांसद बने।
🏆पुरस्कार और सम्मान : 1. फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड – 1997
2. पद्म भूषण – 2012 (भारत सरकार द्वारा तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान)
🏆अनेक अन्य फिल्मी पुरस्कार और सम्मान व्यक्तिगत जीवन : धर्मेन्द्र की पहली शादी प्रकाश कौर से हुई थी। बाद में उन्होंने अभिनेत्री हेमा मालिनी से विवाह किया। वे एक बड़े फिल्मी परिवार के मुखिया हैं और उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल भी फिल्म अभिनेता हैं।
रोचक तथ्य : धर्मेन्द्र को "ही-मैन ऑफ बॉलीवुड" कहा जाता है। उन्होंने लगभग 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है।
वे आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं और एक प्रेरणा स्वरूप माने जाते हैं।
वे आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं और एक प्रेरणा स्वरूप माने जाते हैं।
बिलकुल, आइए धर्मेन्द्र जी के जीवन और करियर से जुड़े कुछ और दिलचस्प पहलुओं को विस्तार से जानते हैं :
🌟 धर्मेन्द्र का फ़िल्मी सफ़र – विस्तृत विवरण : धर्मेन्द्र की फिल्मी यात्रा लगभग छह दशकों तक फैली हुई है। उन्हें हर प्रकार के किरदार निभाने में महारत हासिल थी – रोमांटिक हीरो, एक्शन स्टार, हास्य अभिनेता और गंभीर चरित्र।
🎬 1960 का दशक : धर्मेन्द्र ने इस दौर में रोमांटिक फिल्मों में काम किया और अपनी सादगी व सुंदरता से दर्शकों का दिल जीता। "आय्य मिलन की बेला", "अनुपमा", "फूल और पत्थर" जैसी फिल्मों ने उन्हें एक सशक्त अभिनेता के रूप में स्थापित किया। फिल्म "फूल और पत्थर" (1966) के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन मिला।
🎬 1970 का दशक : इस दशक में धर्मेन्द्र ने एक्शन फिल्मों का रुख किया और उन्हें 'He-Man' की उपाधि मिली।
"शोले" (1975) में ‘वीरू’ का किरदार उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है। "चुपके चुपके" में उनका कॉमिक टाइमिंग शानदार था।
"शोले" (1975) में ‘वीरू’ का किरदार उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है। "चुपके चुपके" में उनका कॉमिक टाइमिंग शानदार था।
🎬 1980 और 1990 का दशक : इस दौर में धर्मेन्द्र ने कई मल्टीस्टारर फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस विजेता फिल्म्स के तहत "घायल", "बेताब", "बरसात" जैसी फिल्में बनाईं – जिनमें उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल को लॉन्च किया गया।
❤️ धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी : धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की जोड़ी ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन दोनों जगह बेहद चर्चित रही।
"सपनों का सौदागर" से लेकर "शोले", "सीता और गीता", "राजपूत" जैसी दर्जनों फिल्मों में दोनों ने साथ काम किया।
धर्मेन्द्र ने हेमा से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाया था, क्योंकि वे पहले से शादीशुदा थे और हिन्दू कानून के अनुसार दूसरी शादी नहीं कर सकते थे।
"सपनों का सौदागर" से लेकर "शोले", "सीता और गीता", "राजपूत" जैसी दर्जनों फिल्मों में दोनों ने साथ काम किया।
धर्मेन्द्र ने हेमा से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाया था, क्योंकि वे पहले से शादीशुदा थे और हिन्दू कानून के अनुसार दूसरी शादी नहीं कर सकते थे।
👨👩👧👦 परिवार और उत्तराधिकारी : उनके पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल ने बॉलीवुड में एक सफल करियर बनाया है। उनकी बेटियां ईशा देओल और अहाना देओल भी मनोरंजन और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। धर्मेन्द्र का पूरा परिवार भारतीय सिनेमा में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुका है – "Deol Family"।
🏆सम्मान और योगदान : धर्मेन्द्र का योगदान भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग का एक अहम हिस्सा है। वे उन दुर्लभ अभिनेताओं में से हैं जिन्होंने बिना किसी फिल्मी पृष्ठभूमि के अपनी मेहनत और लगन से शीर्ष पर स्थान बनाया। आज भी, उनकी फिल्में, संवाद और शैली युवा और बुजुर्ग दोनों पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं।
📜 कुछ प्रसिद्ध डायलॉग्स :
1. "Basanti, in kutton ke saamne mat nachna!" – शोले (1975)
2. "Main tumhe itni door le jaunga, ke log tumhara naam lena bhool jaayenge."
3. "Kutte, kamine, main tera khoon pee jaunga!"
2. "Main tumhe itni door le jaunga, ke log tumhara naam lena bhool jaayenge."
3. "Kutte, kamine, main tera khoon pee jaunga!"
चलिए, अब हम धर्मेन्द्र जी के जीवन के बाकी पहलुओं को और गहराई से समझते हैं — जैसे कि उनकी प्रमुख फ़िल्मों की सूची, राजनीतिक सफर, और उन्हें मिले सम्मान।
🎥 धर्मेन्द्र की प्रमुख फिल्में : धर्मेन्द्र ने 300 से भी अधिक फिल्मों में काम किया है। नीचे उनकी कुछ बेहद लोकप्रिय और यादगार फिल्मों की सूची दी गई है:
वर्ष | फिल्म का नाम | भूमिका / विशेषता |
---|---|---|
1960 | दिल भी तेरा हम भी तेरे | डेब्यू फिल्म |
1966 | फूल और पत्थर | पहली बड़ी हिट, एक्शन हीरो की छवि बनी |
1969 | सत्यकाम | एक गंभीर और प्रशंसित भूमिका |
1971 | आनंद | सहायक भूमिका (राजेश खन्ना के साथ) |
1972 | सीता और गीता | हेमा मालिनी के साथ जोड़ी प्रसिद्ध हुई |
1973 | यादों की बारात | आइकॉनिक “प्यार का नगमा है…” गीत |
1975 | शोले | 'वीरू' – उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिका |
1975 | चुपके चुपके | कॉमेडी में कमाल प्रदर्शन |
1977 | धर्म वीर | ऐतिहासिक फैंटेसी फिल्म |
1985 | मेरे जीवन साथी | ड्रामा और रोमांस |
1990 | घायल | निर्माता के रूप में (सनी देओल के साथ) |
🏛️ राजनीतिक जीवन : धर्मेन्द्र ने 2004 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में प्रवेश किया।
1. उन्हें राजस्थान के बीकानेर से सांसद चुना गया।
2. उन्होंने एक कार्यकाल (2004–2009) तक लोकसभा सदस्य के रूप में काम किया।
3. हालांकि उन्होंने राजनीति में बहुत सक्रिय भूमिका नहीं निभाई, लेकिन उनके स्टारडम का फायदा पार्टी को मिला।
🏅 पुरस्कार और सम्मान :
पुरस्कार/सम्मान | वर्ष | विवरण |
---|---|---|
फ़िल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड | 1997 | उनके लंबे और सफल करियर के लिए |
पद्म भूषण | 2012 | भारत सरकार द्वारा नागरिक सम्मान |
राष्ट्रीय पुरस्कार (Ghayal) | 1991 | सर्वश्रेष्ठ फिल्म (निर्माता के रूप में) |
कई फिल्मफेयर नॉमिनेशन | 1960s–1980s | अभिनय के लिए |
🧠 धर्मेन्द्र के बारे में कुछ अनसुने तथ्य :
1. धर्मेन्द्र बचपन में ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे।
2. उन्होंने एक बार फ़िल्मी पत्रिका Filmfare में टैलेंट हंट में भाग लिया और वहीं से फिल्मों में मौका मिला।
3. उनकी बॉडी और लुक्स के कारण उन्हें “ही-मैन” और “गर्मी का तूफ़ान” जैसे उपनाम मिले।
3. उनकी बॉडी और लुक्स के कारण उन्हें “ही-मैन” और “गर्मी का तूफ़ान” जैसे उपनाम मिले।
4. वे दिल से एक बेहद भावुक और जमीन से जुड़े इंसान हैं – अपने गाँव और खेती से जुड़ाव आज भी बरकरार है।
🙏 निष्कर्ष : धर्मेन्द्र न केवल एक बेहतरीन अभिनेता हैं, बल्कि भारतीय सिनेमा की एक जीवित किंवदंती हैं। उनकी अभिनय शैली, उनके संवाद, और उनका सरल स्वभाव आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देता है।
उनका जीवन एक मिसाल है कि कैसे साधारण परिवेश से निकलकर भी कोई व्यक्ति अपनी मेहनत और लगन से महानता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।
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Bollywood