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खून की कमी को दूर करता है: खजूर आयरन से भरपूर होता है, जो गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में मदद करता है। इससे भ्रूण को भी पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।
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मजबूत हड्डियाँ और दांत: खजूर में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो गर्भवती महिला के हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं और बच्चे के हड्डी और दांतों के विकास में मदद करते हैं।
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पाचन क्रिया में सुधार: खजूर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो कब्ज (constipation) जैसी समस्या को दूर करने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखता है।
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ऊर्जा का स्रोत: खजूर में प्राकृतिक शर्करा (glucose, fructose) और कैलोरी होती है, जो गर्भवती महिला को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करती है। इससे कमजोरी और थकान दूर होती है।
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स्वास्थ्यपूर्ण डिलीवरी: कुछ अध्ययनों के अनुसार, खजूर खाने से प्रसव के समय मां के शरीर को अधिक ताकत मिलती है और प्रसव का समय भी कम हो सकता है। खजूर का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित करता है, जो कि डिलीवरी को आसान बना सकता है।
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वजन बढ़ाने में मदद: गर्भवस्था के दौरान वजन में कमी या उचित वृद्धि न होना एक सामान्य समस्या हो सकती है। खजूर खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें उच्च कैलोरी होती है।
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किसी भी इंफेक्शन से बचाव: खजूर में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को संक्रमण और फ्री रैडिकल्स से बचाते हैं, जिससे गर्भवती महिला और बच्चा स्वस्थ रहते हैं।
खजूर का सेवन कैसे करें:
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आप खजूर को सूखा या ताजा खा सकते हैं।
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अगर खजूर खाने में कोई परेशानी हो, तो उसे पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं।
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खजूर का सेवन दिन में 2-3 नग से ज्यादा न करें, क्योंकि इसमें अधिक शर्करा होती है।
हालांकि, यदि आपको किसी तरह की शुगर, डायबिटीज या एलर्जी की समस्या हो तो खजूर का सेवन सीमित मात्रा में करें और डॉक्टर से परामर्श लें।
सारांश: गर्भवस्था में खजूर का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन यह हमेशा संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए।