"हमारी किडनी कब खराब होती है?"
किडनी धीरे-धीरे खराब होती है, और अक्सर लोग तब तक नहीं जानते जब तक 60-70% काम करना बंद न कर दे।
🩺 किडनी खराब होने के मुख्य कारण (Causes of Kidney Damage):
1. डायबिटीज़ (मधुमेह / Diabetes):
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अगर खून में शुगर (ग्लूकोज़) लंबे समय तक ज़्यादा रहे, तो किडनी की रक्तनलिकाओं को नुकसान पहुँचता है।
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यह किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण है।
2. हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप):
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अधिक दबाव से किडनी की नाज़ुक रक्त नलिकाएँ (blood vessels) खराब हो जाती हैं।
3. किडनी स्टोन या बार-बार संक्रमण:
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यदि बार-बार पेशाब में जलन, रुकावट या इंफेक्शन हो तो किडनी धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो सकती है।
4. अधिक दवाइयाँ लेना (जैसे दर्द की दवाएं):
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लंबे समय तक पेनकिलर, खासकर NSAIDs (जैसे Brufen, Combiflam) का इस्तेमाल किडनी पर बुरा असर डाल सकता है।
5. कम पानी पीना:
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जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो किडनी पर ज़्यादा दबाव पड़ता है और विषैले तत्व बाहर नहीं निकल पाते।
6. धूम्रपान और शराब:
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ये दोनों किडनी की रक्त आपूर्ति को कम करते हैं, जिससे धीरे-धीरे किडनी खराब हो सकती है।
7. आनुवंशिक रोग (Genetic diseases):
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जैसे Polycystic Kidney Disease, जो परिवार में चलता है।
🚨 किडनी खराब होने के लक्षण (Symptoms):
शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते। लेकिन जब हालत बिगड़ने लगे, तो ये लक्षण दिख सकते हैं:
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पेशाब में झाग, खून, या जलन
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पैरों, टखनों या चेहरे पर सूजन
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थकावट, कमजोरी
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भूख में कमी, उल्टी, मतली
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सांस लेने में तकलीफ
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हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं आना
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त्वचा पर खुजली
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नींद न आना
✅ बचाव के उपाय (Prevention Tips):
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शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें
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नियमित रूप से किडनी की जांच (क्रिएटिनिन, यूरिया, यूरिन टेस्ट) कराएं
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खूब पानी पिएं
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बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें
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हेल्दी खाना खाएं और एक्सरसाइज़ करें
चलिए, अब हम थोड़ा और गहराई से समझते हैं कि किडनी धीरे-धीरे कैसे खराब होती है और क्या स्टेजेस होती हैं, ताकि आप समय रहते इसे पहचान सकें और रोकथाम कर सकें।
📊 किडनी खराब होने की 5 स्टेजेस (Stages of Chronic Kidney Disease - CKD):
स्टेज | GFR (फिल्टरिंग क्षमता) | स्थिति | लक्षण |
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Stage 1 | 90 या उससे अधिक | सामान्य या थोड़ी क्षति | कोई लक्षण नहीं |
Stage 2 | 60–89 | हल्की क्षति | थकावट, बार-बार पेशाब |
Stage 3 | 30–59 | मध्यम क्षति | सूजन, भूख में कमी, कमजोरी |
Stage 4 | 15–29 | गंभीर क्षति | उल्टी, खुजली, सांस की कमी |
Stage 5 | <15 | किडनी फेल्योर | डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की ज़रूरत |
👉 GFR (Glomerular Filtration Rate) से पता चलता है कि आपकी किडनी कितना अच्छा काम कर रही है।
🧪 किडनी खराब होने की जांच कैसे होती है?
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ब्लड टेस्ट:
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Serum Creatinine और Blood Urea Nitrogen (BUN) जांचते हैं।
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GFR का अनुमान इन्हीं से लगाया जाता है।
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यूरिन टेस्ट:
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यूरिन में प्रोटीन, खून या संक्रमण का पता चलता है।
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अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन:
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किडनी का आकार, सूजन, रुकावट आदि की जानकारी मिलती है।
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📌 एक जरूरी बात:
किडनी एक "शांत अंग" है — ये धीरे-धीरे खराब होती है, पर लक्षण बहुत देर से दिखते हैं।
इसलिए जिन्हें डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या पारिवारिक किडनी रोग हो, उन्हें हर 6 से 12 महीने में जांच करानी चाहिए।
🌿 घरेलू उपाय और किडनी को बचाने के देसी टिप्स:
ये उपाय डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाएं:
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गुड़मार, नीम, त्रिफला — शुगर कंट्रोल में मदद करते हैं।
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गिलोय और तुलसी — इम्यून सिस्टम मजबूत करते हैं।
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धनिया पानी या ककड़ी का रस — हल्का डिटॉक्स इफेक्ट देता है।
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पालक, मूली, पराठे जैसे नमकीन-heavy खाने से बचें अगर किडनी की तकलीफ है।